I am starting from zero in shooting after dealing with cases linked to murder theft fights says Vijay Kumar

नई दिल्ली. ओलंपिक सिल्वर मेडल निशानेबाज से कानून प्रवर्तन अधिकारी बने विजय कुमार को चोरी, विवाद और ‘यहां तक की हत्या’ से जुड़े मामलों से निपटने के लिए बार-बार अदालत जाना पड़ता है, लेकिन वह खेल में फिर से वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं. शिमला में हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ) में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के रूप में तैनात, विजय ने पांच साल के अंतराल के बाद प्रतिस्पर्धी निशानेबाजी में वापसी की है. वह लंदन ओलंपिक खेलों में पुरुषों के 25 रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतने के एक दशक के बाद फिर से ‘शून्य से अपने सफर को शुरू’ करेंगे.
पिछले कई वर्षों से वह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रहे है. उससे पहले उन्होंने कुछ साल इसके प्रशिक्षण में बिताया. पुलिस सेवा से जुड़ने से पहले वह 16 वर्षों तक भारतीय सेना से जुड़े रहे. पेरिस ओलंपिक 2024 का टिकट कटाने की कोशिश कर रहे इस निशानेबाज के सामने सबसे पहली चुनौती मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप है. विजय ने पीटीआई-भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, ”मैं राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहा हूं. मैं शून्य से शुरुआत कर रहा हूं, क्योंकि मैं पांच साल बाद खेल में वापस आ रहा हूं.”
उन्होंने कहा, ”जब मैं निशानेबाजी नहीं कर रहा था तब मैं पुलिस बल में प्रवेश के लिए अपने प्रशिक्षण में बहुत व्यस्त था और फिर एक पुलिसकर्मी के रूप में अपने कर्तव्य निभाने में व्यस्त हो गया. इसलिए वास्तव में निशानेबाजी जारी रखने का समय नहीं मिला.” उनके विभाग ने उन्हें राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भाग लेने की अनुमति दे दी है. विजय का सपना लंदन ओलंपिक की तरह पेरिस (2024) में देश के लिए मेडल जीतना है. इसके लिए उन्होंने पुलिस सेवा के अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पूर्णकालिक प्रशिक्षण के लिए अनुमति लेने की भी योजना बनाई है. उन्हें हालांकि इस बात का अंदाजा है कि उनके लिए चीजें आसान नहीं है.
विजय ने कहा, ” मैं जानता हूं कि आगे की राह बेहद कठिन होने वाली है. सामान्य से चार गुना अधिक मुश्किल होने वाला है क्योंकि मैं लंबे समय के बाद वापसी कर रहा हूं लेकिन दूसरे खिलाड़ी नियमित तौर पर अभ्यास कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ” मुझे निशानेबाजी में वापसी करने की अपनी क्षमता पर भरोसा है. मैं ओलंपिक में रजत पदक जीतने में सफल रहा और इससे मेरे विश्वास और बढ़ा है. मैं अभी केवल 35 वर्ष का हूं और कम से कम 10 और वर्षों तक निशानेबाजी करने की उम्मीद कर सकता हूं.”
पांच बार के कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल विजेता, विजय ने 2017 में हिमाचल प्रदेश पुलिस में शामिल होने के लिए सेना छोड़ दी थी. उन्होंने कहा, ”कार्यालय के काम ने मुझे व्यस्त रखा. मुझे चोरी, झगड़े और यहां तक कि हत्या से लेकर मामलों से निपटने की जरूरत होती थी. इसमें अदालत का चक्कर भी लगाना पड़ता था.” उन्होंने कहा, ”खेल में वापसी पर मुझे धैर्य रखना होगा, लेकिन मैं निश्चित रूप से पूर्णकालिक प्रशिक्षण लेना चाहता हूं और इसके लिए मुझे अपने विभाग से मंजूरी लेनी होगी.” लंदन के रॉयल आर्टिलरी बैरक में विजय के रजत पदक के बाद से भारत ने निशानेबाजी में ओलंपिक पदक नहीं जीता है.
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Tags: Olympics 2024, Paris olympics, Vijay Kumar